शॉर्ट सर्किट से बिल्डर फ्लैट में लगी आग, तीन परिवारों की अटक गई सांस

इंदिरापुरम के ज्ञानखंड एक स्थित प्लाट संख्या-47 में बने तीन मंजिला बिल्डर फ्लैट में मंगलवार दोपहर करीब दो बजे अचानक आग लग गई। पहले शार्ट सर्किट से ग्राउंड फ्लोर के फ्लैट में आग लगी। इसके बाद आग की लपटें सीढ़ियों तक पहुंच र्गइं। इस दौरान बिल्डिंग में धुआं और हीट होने से दो परिवार प्रथम और द्वितीय तल पर फंस गए। सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। दमकल कर्मियों ने दो बच्चों और महिला को ग्रिल काटकर पीछे से बाहर निकाला गया। जबकि बुजुर्ग महिला को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
इंदिरापुरम के ज्ञानखंड एक स्थित प्लाट संख्या-47 में तीन मंजिला बिल्डर फ्लैट बने हैं। इसमें ग्राउंड फ्लोर पर तीन और दूसरे व तीसरे फ्लोर पर चार-चार फ्लैट बने हैं। ग्राउंड फ्लोर पर ए 1 में आलिक पिता विनोद, पत्नी शालू, बेटी (10) के साथ रहते हैं। वह गुरुग्राम की एक आईटी कंपनी में मैनेजर हैं। मंगलवार दोपहर करीब दो बजे अचानक उनके फ्लैट के एक कमरे (स्टोर रूम के रूप में प्रयोग किया जा रहा था)में आग लग गई। आग तेजी के साथ फैली। लोग शोर मचाते हुए बाहर की ओर भागे। इस दौरान आग ए 3 में रहने वाले मोहित जैन के फ्लैट तक पहुंच गई। हालांकि फ्लैट में कोई नहीं थी। आग की लपटें पहले और दूसरे तल तक पहुंच गई। लोगों ने आग लगने की सूचना दमकल विभाग को दी। आनन फानन में सीएफओ सुनील सिंह, एफएसओ वैशाली एसएन सिंह दमकल की चार गाड़ियों और हाइड्रोलिक प्लेटफार्म को साथ लेकर मौके पर पहुंचे। प्रथम तल पर लगी आग को काबू किया। आग से फ्लैट का सारा सामान जलकर खाक हो गया।
दो फ्लैटों में फंसे रहे लोग
आग लगने के दौरान हीट और धुआं पूरी बिल्डिंग में भर गया। वेंटिलेशन नहीं होने के कारण धुआं बाहर नहीं निकल रहा था। इस दौरान बी थ्री में रहने वाले दिल्ली मेट्रो में सिविल इंजीनियर कृष्ण पंडित की पत्नी शारदा, बेटी सारा और बेटा पार्थ फंस गए। जबकि दूसरे तल पर सी 1 में रहने वाले पूर्व बैंक कर्मी आदर्श कुमार मां शांति देवी के साथ फंस गए। इस दौरान चीख पुकार मच गई। दमकल कर्मी संजेश और देवेंद्र ने आनन फानन में बिल्डिंग के शीशे हाथ से ही तोड़ दिए। मास्क लगाकर अंदर पहुंचे। कृष्ण पंडित की बालकनी में लगी ग्रिल काटकर पड़ोसी के मकान से दोनों बच्चों और महिला को बाहर निकाला। इसके बाद दमकल कर्मी देवेंद्र और जोगेंद्र दूसरे तल पर आदर्श के फ्लैट पर पहुंचे। वृद्धा शांति देवी को गोद में उठाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
देर से पहुंची दमकल तो होता बड़ा हादसा
वैशाली फायर स्टेशन नजदीक होने के कारण दमकल की गाड़ियां समय से मौके पर पहुंची। बिल्डिंग में आग बुझाने के लिए महज सिलेंडर ही मौजूद थे। पानी का उपकरण नहीं मिले। दमकल कर्मियों ने बिजली कटवाई और पास से गुजर रही पीएनजी लाइन बंद करवाई। दमकल कर्मियों की बहादुरी को देखते हुए मौके पर मौजूद लोगों ने सभी दमकल कर्मियों को सम्मानित कराने की मांग की है।
आसपास में रहने के लिए की घर की व्यवस्था
पीड़ित आलिक के घर में आग लगने के दौरान सारा सामान जलकर खाक हो गया। घर का प्लास्टर, पत्थर तक टूट कर गिर गया। मेहनत से जमा की गई जीवन भर की कमाई और सामान एक पल में आंखों के सामने खाक हो गइ। आसपास के लोगों ने पड़ोस में खाली एक घर में फिलहाल रहने की व्यवस्था की है।
एक ही जगह से थी निकासी
जिस बिल्डिंग में आग लगी उसमें कुल 11 फ्लैट हैं। सभी 11 फ्लैटों के निकास के लिए एक ही सीढ़ी उपलब्ध है। सके कारण नीचे के तल में आग लगने से रास्ता बंद हो गया और कई लोग ऊपर के ही तल में फंस गए जिन्हें पीछे का जाल तोड़कर दूसरे मकान के रास्ते बाहर निकाला गया। भगवान बनकर जान बचाने उतरे दमकल कर्मी
आग लगने के दौरान दूसरी मंजिल पर शांति देवी (81) रहती हैं। उनकी आंख का आपरेशन हुआ था। इससे उन्हें देखने में दिक्कत थी। शांति देवी ने बताया कि आग लगने से फ्लैट में धुआं भरने से दम घुटने लगा। बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। दमकल कर्मी देवेंद्र और जोगेंद्र उन्हें गोद में उठाकर प्रथम तल पर ले गए। उनका कहना था कि दोनों कर्मियों ने जान पर खेलकर उनकी जान बचाई है।
खाना खाते ही घर में भरा धुआं, छा गया अंधेरा
प्रथम तल पर रहने वाले कृष्ण पंडित की बेटी सारा ने बताया कि जिस समय घर में धुआं भरा था उस दौरान वह छोटे भाई पार्थ और मां शारदा के साथ खाना खा रही थे। अचानक घर के अंदर धुआं भर गया और सभी का दम घुटने लगा। घर के अंदर अंधेरा छा गया। चीख पुकार मच गई। आनन फानन में पुलिस वाले अंकल अंदर आए और सभी को बालकनी में लगी ग्रिल काटकर बाहर निकाला।
ग्राउंड फ्लोर पर कमरे में आग लगी थी। कमरे को स्टोर रूम के रूप में प्रयोग किया जा रहा था। धुआं और हीट के चलते प्रथम और दूसरे तल पर करीब पांच लोग फंसे थे। सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियाें की मदद से आग पर काबू पाया गया । आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट है। आग से कोई हताहत नहीं हुआ है। - सुनील सिंह, सीएफओ गाजियाबाद।