गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) अब अपनी किस्तों की समय सीमा बढ़ाकर आठ से दस साल तक करने जा रहा है। जबकि अभी तक दो से पांच साल तक किस्त का भुगतान करना होता है। यह प्रस्ताव तैयार कर दिसंबर में होने वाली बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। वहां से स्वीकृति मिलने पर इसे लागू कर दिया जाएगा।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) अपनी योजनाओं में मकान किस्तों पर देता है। लेकिन मकान का श्रेणी के अनुसार इनकी किस्त दो से पांच साल के भीतर भुगतान करना पड़ता है। जीडीए के अधिकारी बताते हैं कि तीन लाख सालाना आय वाले ईडब्ल्यूएस और छह लाख सालाना आय वाले व्यक्ति एलआईजी ले सकते है। जबकि मिनी एमआईजी, एमआईजी, टू, थ्री बीएचएके खरीदने वालों के लिए कोई आय सीमा तय नहीं होती है।
जीडीए से किस्तों पर इन मकानों को खरीदने के लिए अभी तक समय सीमा दो से पांच साल है। इसी के भीतर प्राधिकरण की किस्त चुकानी पड़ती है। लेकिन अब इस समय सीमा को बढ़ाकर 10 साल तक करने की योजना है। इस प्रस्ताव को जीडीए की दिसंबर में होने वाली बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने बताया कि इस प्रस्ताव को तैयार करने के लिए कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी सभी पहलुओं पर विचार कर प्रस्ताव को तैयार करेगी। इसके बाद इसे बोर्ड बैठक में रखकर पास कराया जाएगा।
कीमत ज्यादा होने से समय बढ़ाने पर विचार
जीडीए अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में मकानों की कीमत ज्यादा होती है। ऐसे में कम समय में सारा भुगतान करना संभव नहीं होता। लोगों पर आर्थिक दबाव पड़ता है। इसको ध्यान में रखकर यह व्यवस्था बनाई जाएगी।
पहले 15 साल में चुकाते थे किस्त
जीडीए करीब 15 साल पहले जिन मकानों को किस्तों पर बेचता था। उनकी किस्त 15 साल में चुकाई जाती थी। लेकिन इसमें परिवर्तन कर दो से पांच साल के बीच भुगतान करने की योजना बनाई गई। अब इसमें फिर परिवर्तन किया जा रहा है।
जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने कहा कि किस्तों पर मकान लेने वाले आठ से दस साल में भुगतान कर सके। इसका प्रस्ताव बनाया जा रहा है। इसे दिसंबर में होने वाली बोर्ड बैठक में रखा जाएगा।