भारतीय महिला हॉकी टीम में कैसे आया इतना बदलाव?

''डरो मत, बात करो.''


भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने यह बात अपने साथी खिलाड़ियों से तब कही थी जब टीम के नए कोच सेजोर्ड मारिजने फरवरी, 2017 में टीम के साथ मीटिंग कर रहे थे. डच कोच मारिजने तब ये समझ नहीं पा रहे थे कि ये लड़कियां उन्हें 'रिस्पांस' क्यों नहीं कर रही है.


लेकिन यही टीम दो दिन पहले कलिंगा हॉकी स्टेडियम में पूरे भरोसे के साथ शानदार हॉकी खेलती नजर आ रही थी. इसकी बदौलत भारतीय महिला हॉकी टीम लगातार दूसरी बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेगी.


भारत की महिला हॉकी टीम ने पहली बार 1980 में ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया था. इसके बाद उसे ओलंपिक में प्रवेश के लिए 36 साल इंतज़ार क


2016 के रियो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम बिना कोई मुक़ाबला जीते अंतिम पायदान पर रही थी. हालांकि, बीते चार साल में टीम में सुधार दिखा है.