चावल बाबा' के मंत्र से दिल्ली चुनाव जीतेगी भाजपा, दो रुपये किलो आटे के वादे में कितना दम

भाजपा नेता नितिन गडकरी ने आज शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणा पत्र (संकल्प पत्र) जारी किया। पार्टी ने इसमें गरीब परिवारों को दो रुपये किलो आटा, कॉलेज जाने वाली छात्राओं को स्कूटी, नवीं की छात्राओं को साइकिल, गरीब लड़कियों की शादी में 51 हजार रुपये के सामान की मदद और कई अन्य महत्त्वपूर्ण वायदे किए। लेकिन भाजपा के सभी वायदों में दो रुपये किलो आटे की खूब चर्चा हो रही है।


भाजपा ने यह आइडिया अपने ही एक नेता रमन सिंह से लिया है जिन्हें छत्तीसगढ़ की सरकार में मुख्यमंत्री रहते हुए चावल बाबा के नाम से जाना जाता था। उन्हें यह नाम इसलिए दिया गया था क्योंकि वे छत्तीसगढ़ के आदिवासियों को दो रुपये किलो में चावल उपलब्ध करवाते थे। इस योजना के कारण राज्य में उनकी छवि बहुत अच्छी बन गई थी और आदिवासी लोग प्यार से उन्हें 'चावल वाले बाबा' कहकर पुकारते थे।  वे छत्तीसगढ़ के तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं।

संकल्प पत्र तैयार करने में एक महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने वाले एक भाजपा नेता के मुताबिक, यह सच्चाई है कि आम आदमी पार्टी सरकार की 200 यूनिट मुफ्त बिजली और 20 हजार लीटर पानी की योजना से हम दबाव में थे। हमारे सामने यह चुनौती थी कि हम कोई ऐसी योजना पेश करें जो अरविंद केजरीवाल सरकार की योजना की कॉपी न लगे। जो  जनता के लाभ की हो, और साथ-साथ वह उतनी ही आकर्षक और लोगों का ध्यान खींचने वाली हो। ऐसे में काफी मंथन के बाद पार्टी ने छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री रहे अपने नेता रमन सिंह की योजना का सहारा लिया और पार्टी नेताओं में दो रुपये किलो आटे की योजना पर अपनी अंतिम मुहर लगा दी।

भाजपा नेता के मुताबिक, डॉक्टर हर्षवर्धन के नेतृत्व में संकल्प पत्र तैयार करने के लिए लोगों से खूब बात की गई थी। रिकॉर्ड सात लाख लोगों ने पार्टी का संकल्प पत्र बनाने के लिए अपनी राय दी थी। नेता के मुताबिक हमारे लिए सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह थी कि लोगों ने मुफ्त की योजनाओं की राजनीति न करने की बात कही थी। यह हमारे लिए बहुत राहत वाली बात थी क्योंकि इस तरह की छवि बनाई जा रही थी कि लोग आप की मुफ्त की योजनाओं से बहुत आकर्षित थे और इन्हीं मुद्दों पर वोट दे सकते हैं।